एक था किसान। उसने एक खेत जोता। खेत में ज्वार बोई। ज्वार में बड़े-बड़े भुट्टे लगे। किसान ने कहा, "अब एक रखवाला रखना होगा। वह दिनभर पक्षियों को उड़ायगा और रात में रखवाली करेगा।
रखवाला रात में रखवाली करता और दिन में पक्षियों को उड़ाता रहता। इस तरह काम करते-करते कई दिन बीत गए। एक रात चोर रखवाला रखा। चोरों ने दूसरे रखवाले को भी मार डाला और भुट्टे चुरा लिये।
किसान सोचने लगा—‘अब मैं क्या करूं? यह तो बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई। इसका कोई इलाज तो करना ही होगा।‘ सोचते-सोचते किसान को क्षेत्रफल की याद आ गई। क्षेत्रपाल तो बड़े ही चमत्कारी और प्रतापी देवता हैं। याद करते ही सामने आ गए। उन्होंने पूछा, "मेरे सेवक पर क्या संकट आया है?"
किसान ने कहा, "महाराज, आपकी कृपा से ज्वार में बड़े-बड़े भुट्टे लगे हैं, पर चोर इन्हें यहां रहने कहां दे रहे हैं! चोरों ने दो रखवालों को तो मार डाला है। महाराज, अब आप की इसका कोई इलाज कीजिए। कोई रास्ता दिखाइये।"
क्षेत्रपाल बोले, "भैया! आज से तुम्हें कोई चिन्ता नहीं करनी है। खेत में एक मचान बंधवा लो और वहां एक बांस गाड़ दो। फिर देखते रहो।" क्षेत्रपाल ने जो कहा, सो किसान ने कर दिया।
शाम हुई। क्षेत्रफल तो एक चिड़िया का रूप रखकर बांस पर बैठ गए। आधी रात हुई चोर आए। चोर चारों ओर घूमने-फिरने लगे। इसी बीच चिड़िया बोली:
ओ, घूमते-फिरते चोरो!
तीन लोक का टीपना और तीसरा रखवाला।
चोर चौंके। बोल, "अरे यह कौन बोल रहा है?" इधर-उधर देखा, तो कोई दिखाई नहीं पड़ा। चोरों ने भुट्टे काटना शुरू कर दिया। तभी चिड़िया फिर बोली:
ओ, काटने-वाटने वालों चोरा!
तीन लोक का टीपना और तीसरा रखवाला।
चोरों ने चारों तरफ देखा, पर कोई दिखाई नहीं पड़ा। उन्होंने भुट्टों की गठरी बांध ली। चिड़िया फिर बोली
ओ, बांधने-वाधने वाले चोरो!
तीन लोक का टीपना और तीसरा रखवाला।
चोर इधर-उधर देखने लगे। उन्होंन चिड़िया को बोलते देख लिया। पत्थर फेंक-फेंककर वे उसे मारने लगे। इस पर चिड़िया बोली:
ओ, मारने वाले चोरो!
तीन लोक का टीपना और तीसरा रखवाला।
चोरों ने बांस पर बैठी चिड़िया को नीचे उतार लिया। नीचे उतरते-उतरते चिड़िया फिर बोली: ओ, उतारने वाले चोरो!
तीन लोक का टीपना और तीसरा रखवाला।
चोर चिड़िया पर टूट-पड़े और उसे पीटने लगे। चिड़िया फिर बोली:
ओ पीटने वाले चोरो!
तीन लोक का टीपना और तीसरा रखवाला।
इस पर चोर इतने गुस्सा हुए कि वे चिड़िया को काटने लगे। चिड़िया फिर भी बोली:
ओख् काटने वाले चोरो!
तीन लोक का टीपना और तीसरा रखवाला।
चोरों ने आग जलाई और चिड़िया को भूनने लगे। चिड़िया बोली:
ओ, भुनने वाले चोरो!
तीन लोक का टीपना और तीसरा रखवाला।
फिर सब चोर खाने बैठे। ज्यों ही उन्होंने चिड़िया के टुकड़े मुंह में रखे, चिड़िया फिर बोली:
ओ, खाने वाले चोरो!
तीन लोक को टीपना और तीसरा रखवाला।
चोर बोल, "बाप रे, यह तो बड़े अचम्भे की बात है! जरूर यह कोई भूत-प्रेत होगा।! चोर इतने डर गए कि अपना सबकुछ वहीं छोड़कर भाग खड़े हुए। उसके बाद फिर चोर कभी आए ही नहीं। किसान के खेत में ज्वार खूब पकी। अच्छी फसल हुई।
The Runaway Papoose (Moon)
-
The Runaway Papoose (New York: Doubleday, Doran and Co., 1940), by Grace
Moon, illust. by Carl Moon (stable link)
18 hours ago
No comments:
Post a Comment