यह एक विडम्बना है कि मनुष्य प्रायः प्रौढ होने पर सृष्टि के प्रति संवेदनहीन हो जाता है। तथा मोह-जाल में फँसकर जीवन का वास्तविक सुख ही खो बैठता है। प्रौढ होकर मनुष्य प्रायः भय, चिन्ता और तनाव से ग्रस्त हो जाता है और बाल-सुलभ सरलता, क्रीडा, उत्साह और उल्लास को भूलकर कलह और अशान्ति मोल ले लेता है। प्रौढ मनुष्य कभी-कभी मोहवश कर्तव्य का निश्चय नहीं कर पाता। ममता और भावना की कर्तव्य-निष्टा से टकराहट होने पर कर्तव्य को ही ऊँचा रखना चाहिए। यदि मनुष्य तटस्थ द्रष्टा के रूप में अपने मन की गतिविधि को देखना सीख ले तो अनावश्यक संघर्ष समाप्त हो सकता है और कर्म में संघर्ष-वृत्ति के स्थान पर सहजता आ जाती है। मनुष्य प्रायः प्रौढ होकर बीते हुए कल की भूलों पर पछतावा करता रहता है अथवा आनेवाले कल की चिन्ता में फँसा रहता है। वर्तमान ही सत्य है। भूत काल का अस्तित्व ही नहीं है। वह विनष्ट हो चुका है, एक मिथ्या स्वप्न है। भूतकाल की भूलों और दुःखों का स्मरण करके उनमें जीना स्वप्न में जीना है। भविष्य का अभी जन्म ही नहीं हुआ। अतीत के संस्कारों के बन्धन से मुक्त होकर तथा भविष्य की चिन्ता और भय छोड़कर वर्तमान मे जीना और वर्तमान को आनन्दमय बनाना विवेक है।
हम किसी एकान्त तथा नीरव स्थल में बिल्कुल शान्त होकर सीधे बैठें तथा मन के क्रिया-कलाप का तटस्थ भाव से निरीक्षण करें। हमारा मन एक विचार से दूसरे विचार तक अथवा एक उद्वेग से दूसरे उद्वेग तक तेजी से छलाँग लगाता है। कभी-कभी तो मन में विचारों की भीड़ और उनकी तीव्र उथल-पुथल मन को व्याकुल कर देती है। तटस्थ निरीक्षण के समय हम सजग होकर, शान्त भाव से, विचारों को अलिप्त होकर ऐसे ही देखते रहें जैसे कोई मनुष्य नदी के तट पर स्थित होकर नदी में बहते हुए जल को देखता है। जिस प्रकार नदी में मछली, काष्ठ इत्यादि बहते रहते हैं किन्तु जल का प्रवाह चलता रहता है, उसी प्रकार मन में भी अनेक भले-बुरे विचार आते रहते हैं किन्तु मन निरन्तर गतिशील रहता है। मन की गतिशीलता उत्तम दिशा पाकर, विचारों को परिष्कृत करके मन को स्वास्थ्य प्रदान करती है। हमारे मन की व्याकुलता भी धन्य है यदि वह चिन्तन को जाग्रत् करके, हमें दिशाबोध देकर, हमारे भीतर सृजनात्मकता को उत्पन्न कर दे। मन का तटस्थ निरीक्षण तथा चिन्तन ध्यान की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती हैं।
Virgo Triumphans (Williams)
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Virgo Triumphans: or, Virginia Richly and Truly Valued, More Especially the
South Part Therof, viz. the Fertile Carolana, and no Lesse Excellent Isle
of Ro...
22 hours ago
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